“भारतीय सेना हमेशा आपके पीछे रहेगी, आप जो भी काम देंगे, वह अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं तक इसे करेगी और इसकी क्षमताएं अतुल्य हैं।”
भा.प्र.सं. नागपुर को ‘प्रबंधकीय पहलुओं’ पर एक वार्ता के लिए भारतीय सेना के मास्टर जनरल ऑर्डनेंस (एमजीओ) के रूप में कार्य कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र रामराव निंभोरकर, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, एसएम **, वीएसएम, भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी की मेजबानी करने बेहद खुशी हुई। भीड़ की प्रबंधकीय आकांक्षाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने निर्णय लेने वाले विचारों और किसी भी प्रबंधक की स्थिति से जुड़ी जोखिम लेने की क्षमता पर अपनी बातचीत केंद्रित की। अपने जीवन से पिछले अनुभवों का उपयोग करके उन्होंने इस तथ्य का उदाहरण दिया कि लीडर्स के पास छठी इंद्री होती है जो उन्हें स्वाभाविक रूप से सही दिशामें मार्गदर्शन करने में मदद करती है।
अपने सर्जिकल स्ट्राइक के अनुभवों पर बात करते हुए, उन्होंने योजना, निर्णय के पीछे तर्क, निष्पादन और कार्य के अमूर्त लाभ के बारे में बात की।
भा.प्र.सं. नागपुर समुदाय नेतृत्व और मानव प्रबंधन पर उनके गहन विचारों के लिए बहुत आभारी है।