ओवरव्यू

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फील्ड इमर्शन मोड्यूल
पीजीपी विद्यार्थियों को उद्योग के साथ संपर्क करने हेतु भारतीय प्रबंध संस्थान द्वारा फील्ड इमर्शन मोड्यूल की परिकल्पना की गई। इस मोड्यूल से विद्यार्थियों को संगठनों की दैनिक कार्यों की वास्तविकता का पता चलता है, साथ ही वे अपनी कक्षाओं में प्राप्त किए गए ज्ञान को जीवन की वास्तविक समस्याओं के हल के लिए प्रयोग कर सकते हैं।

प्रक्रिया
यह घटक पहले वर्ष के सभी विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य है, उनके पीजीपी के दूसरे और तीसरे सत्र के बीच की अवधि में एफआईएम रखा जाता है। इस समय तक विद्यार्थीगण को लेखांकन, वित्त, प्रणाली, विपणन, मानव संसाधन प्रबंध और उद्यमिता की बुनियादी जानकारी हो जाती है, साथ ही उनमें सामने आने वाली संगठनात्मक परिवेश का विश्लेषण करने कौशल भी आ जाता है।

विद्यार्थियों को निम्नलिखित क्षेत्रों के संगठनों में भेजा जाता है:

  • सरकार और मूलभूत संरचना
  • उद्योग और कारोबार (लघु और मध्यम उद्यम)
  • कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और ग्रामीण विकास तथा
  • एनजीओ और पर्यावरण प्रबंधन

field-immersion भाग लेने वाले संगठनों के प्रतिनिधि फील्ड इमर्शन ओरिएंटेशन सप्ताह, के दौरान विद्यार्थियों से बातचीत करते हैं। वे विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों से अवगत कराते हैं और उनके इमर्शन के संदर्भ में मदद करते है। इन सत्रों से विद्यार्थियों को उनके कई प्रश्नों को हल करने और सीखने में मदद मिलती है। इसके बाद तीन सप्ताह का एक घटक होता है जिनमें विद्यार्थियों को पहचान किए गए मुद्दों पर पूरे समय काम करना होता है। तीन सप्ताह के इस मोड्यूल के बाद विद्यार्थी अपनी सीखी गई नई जानकारी संगठन और संस्थान के सामने प्रस्तुत करते हैं, जिनका मूल्यांकन करके ग्रेड दिए जाते है और उन्हें उनके जीपीए के स्कोर में जोड़ा जाता है।

हमारे सहभागी
भा.प्र.सं. नागपुर को प्रेरित करने वाला ध्येय, उच्च गुणवत्ता की शिक्षा, उच्च गुणवत्ता का अनुसंधान, और विभिन्न विषयों में उद्योग के साथ सहलग्नता है। इस प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को संगठनात्मक परिवेश में नए अवसर मिलें। विद्यार्थी पहले वर्ष के अंत में अपने समर इन्टरन्शिप में कंपनी उद्यमियों के साथ बातचीत करते है, वहीं एफआईएम के दौरान उनका सामना लघु और माध्यम उद्यमों (एसएमई) और नॉट-फॉर-प्रॉफ़िट संस्थानों के समक्ष आने वाली चुनौतियों से होता है।
पिछले वर्षों के दौरान हमने फील्ड इमर्शन मोड्यूल के लिए विभिन्न क्षेत्रों के उद्यमों से सहभागिता की है। वर्ष 2015-16 में 31 सहभागियों से बढ़ कर यह मोड्यूल अब 2019-20 में 61 हो गया है। अब नागपुर से आगे निकल कर इस मोड्यूल का विस्तार वर्धा, चन्द्रपुर और गढ़चिरोली जिलों तक हो गया है। साथ ही, महाराष्ट्र के व्यावसायिक केंद्र औरंगाबाद, राज्य में कृषि और खाद्य केंद्र नासिक तक भी हमारी पहुँच हो गई है।
इमर्शन सहभागियों का क्षेत्र वार वितरण
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उद्योग वाणी

संस्थान का उद्देश्य जानकारी अंतरण से कक्षाओं से बाहर विश्व का भौतिक प्रभाव दिखाना भी है। अत: एफआईएम के अंतर्गत विद्यार्थियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने संबन्धित संगठनों में उन्हें सौंपे गए प्रबंधन से संबन्धित प्रश्नों के ऐसे समाधान प्रस्तुत करें जिन पर अमल किया जा सके।
यह उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता है जिसे भा.प्र.सं. नागपुर के विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं।

मानक प्रोजेक्ट शीर्षक
पिछले एफआईएम के दौरान नीचे पीजीपी के विद्यार्थियों को सौंपे गए कुछ कार्यों के शीर्षक हैं। ये उन विभिन्न परिस्थितियों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन में हमारे विद्यार्थियों ने काम किया है।

  • टैंक और पाइप्स की एक कंपनी के लिए प्रतिस्पर्धा विश्लेषण और विपणन नीति
  • NICHE: An Incubation Centre at NEERI
  • राज्य द्वारा संचालित रख प्रबंधन सेवाओं की फर्म में उड़ती हुई रख का उपयोग
  • हैवी इंजीनियरिंग कंपनी के संसाधन खंड के लिए व्यापार विकास पद्यति
  • रुग्ण एमएसएमई इकाइयों, उद्योगों के संयुक्त निदेशक का कार्यालय, जिला उद्योग केंद्र का विश्लेषण
  • एक ऊर्जा उत्पादन कंपनी के लिए ग्राहकों के प्रतिसाद का मूल्यांकन
  • राज्य द्वारा संचालित हथकरघा विकास कंपनी के विक्रय और लाभप्रदता में सुधार

संपर्क अधिकारी
डॉ शिवाजी एस धवड
प्रभारी – एफएसओ और सीएफई
भारतीय प्रबंध संस्थान नागपुर
ई मेल आई डी – – fso@iimnagpur.ac.in | मोबाइल:- +91 – 7767014304