फील्ड इमर्शन उन्मुखीकरण सप्ताह : बैच 2019-21

Amrut Bang
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फील्ड इमर्शन उन्मुखीकरण सप्ताह : बैच 2019-21अक्टूबर 16, 2019

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भारतीय प्रबंध संस्थान नागपुर ने फील्ड इमर्शन मॉड्यूल के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम के तहत विभिन्न क्षेत्रों में प्रख्यात वक्ताओं द्वारा सत्रों की एक श्रृंखला का आयोजन किया। श्री राम भोगले (अध्यक्ष, एआईटीजी), श्रीमती पूनम धनवटे (सह- संस्थापक, ट्रैक्ट), श्री क्षितिज अग्रवाल (सीईओ, सह्याद्री फार्म ), और श्री अमृत बंग (कार्यक्रम समन्वयक, निर्माण) ने इस कार्यक्रम के दौरान छात्रों को संबोधित किया, जो सोमवार 30 सितंबर, 2019 को आयोजित किया गया।

भा. प्र. सं. नागपुर का अभिनव फील्ड इमर्शन मॉड्यूल प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए एक अनिवार्य तीन सप्ताह का मॉड्यूल है। इस मॉड्यूल के तहत, छात्र चार व्यापक क्षेत्रों – सरकार और अवसंरचना , उद्योग और व्यवसाय (लघु और मध्यम उद्यम) , कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और ग्रामीण विकास और गैर सरकारी संगठन और पर्यावरण प्रबंधन मैं भागीदार संगठनों से जुड़े होते हैं । छात्र इन संगठनों में प्रबंधकीय चुनौतियों पर बारीकी से काम करते हैं, गंभीर रूप से मुद्दों का विश्लेषण करते हैं और व्यापक समाधान पेश करते हैं। भाग लेने वाले संगठन भी बाहरी दृष्टिकोण से लाभान्वित होते हैं, और इसे नई परियोजनाओं की व्यवहार्यता का पता लगाने के अवसर के रूप में उपयोग कर सकते हैं। पूरे मॉड्यूल के दौरान, छात्रों को संकाय सदस्यों से मार्गदर्शन प्राप्त होता है।

2019-21 के पीजीपी बैच के लिए, फील्ड इमर्शन मॉड्यूल एक सप्ताह के उन्मुखीकरण के साथ शुरू हुआ। प्रक्रिया की जानकारी प्रा. वर्षा खांडेकर और प्रा. विशाल आरघोड़े ने छात्रों को दी। इस सत्र में मॉड्यूल के उद्देश्य, पहले बैच के बाद से इसका विकास, काम की प्रकृति, पिछले बैचों के सामने आने वाली चुनौतियां और उनसे निपटने के तरीके, इन मुद्दों पर चर्चा शामिल थी। प्रोफेसरों ने उन प्रश्नों और चिंताओं को भी संबोधित किया जो छात्रों को ब्रीफिंग के अंत में, फील्ड पर काम करने के बारे में थी।

इसके बाद अतिथि सत्र आयोजित किया गया , जिसमें चार डोमेन के वक्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में प्रबंधकीय चुनौतियों को रेखांकित किया जिनमें भा. प्र. सं. नागपुर के छात्र में योगदान दे सके।

टाइगर रिसर्च एंड कंजर्वेशन ट्रस्ट (ट्रैक्ट) की सह-संस्थापक श्रीमती पूनम धनवटे ने विभिन्न आयामों पर पर्यावरण के लिए खतरों के बारे में बात की। उन्होंने नीति निर्माताओं की आवश्यकता पर जोर दिया, जो जमीनी हकीकतों के प्रति संवेदनशील हों और स्थायी समाधान पेश करने में सक्षम हों।
श्री अमृत बंग ‘निर्माण’ के कार्यक्रम समन्वयक के रूप में कार्यरत हैं। श्री बंग के व्याख्यान ने छात्रों को सामाजिक क्षेत्र की विशिष्टताओं से अवगत कराया, और वंचित क्षेत्रों में अंतर लाने के लिए पेशेवर प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया ।

तीसरे वक्ता थे श्री क्षितिज अग्रवाल, सीईओ, सहयाद्रि फार्म। उनके सत्र ने कृषि व्यवसाय क्षेत्र में स्थायी उद्यम के लिए कई रास्ते से छात्रों को परिचित किया । उन्होंने औषधीय फसलों की खेती , किफायती, पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग समाधान और जैविक खाद्य बाजार में प्रवेश के लिए एक स्थायी मॉडल, इन जैसी नई परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर सलाह मांगी ।
श्री राम भोगले , अध्यक्ष, एप्लाइड इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप ने छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को अक्षम प्रबंधन, दूरदर्शिता की कमी और गलत नीतियों के परिणामस्वरूप चुनौतियों का सामना करने की बात कही । उन्होंने भा. प्र. सं. नागपुर में प्रशिक्षण ले रहे भावी प्रबन्धकों से ऐसे उद्योगों में सुधार की उम्मीद व्यक्त की।

कार्यक्रम पीजीपी के पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों के बीच एक चर्चा के साथ आगे बढ़ा, जिसमें वरिष्ठ छात्रों ने 2018 में अपने अनुभव को साझा किया। सीनियर बैच के पांच छात्र, जिन्होंने अपने एफआईएम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में काम किया था, उन्होने सक्रिय होने के महत्व के बारे में जूनियर बैच से बात की, और क्षेत्र के सभी हितधारकों के साथ बातचीत करके समस्या क्षेत्रों की पहचान करने का महत्व बताया। छात्रों ने बाद में काम के माहौल से बेहतर परिचित होने के लिए नागपुर में इमर्शन भागीदारों का दौरा किया।

2015 में 31 भागीदारों के साथ शुरू किया गया फील्ड इमर्शन मॉड्यूल ज्यादातर नागपुर और आसपास के क्षेत्रों में केंद्रित था । पिछले कुछ वर्षों में औरंगाबाद और नासिक जिलों के कई संगठन इमर्शन भागीदारों के रूप में शामिल हुए हैं । 2019-21 के पीजीपी बैच के लिए, संस्थान ने 61 संगठनों के साथ भागीदारी की है , जिनमें से 37 एसएमई श्रेणी के हैं, 6 सरकार से, 12 एनजीओ और पर्यावरण से और 6 खाद्य और कृषि श्रेणी से हैं।

छात्रों द्वारा पिछले मॉड्यूल्स में कुछ भागीदारों के लिए की गई सिफारिशें उन संगठनों की योजनाओं में शामिल की जा रही हैं। इनमें लॉजिस्टिक हब के रूप में नागपुर के विकास और विदर्भ में नागपुर के डिवीजनल कमिश्नर के कार्यालय के साथ मत्स्यपालन की संभावनाओं की खोज शामिल है। समर इंटर्नशिप और अंतर्राष्ट्रीय इमर्शन कार्यक्रमों के अलावा, छात्रों को मिलने वाले उद्योग जगत से संपर्क के लिए एफ़आईएम कई अवसरों में से एक है ।